आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

सोमवार, अगस्त 30, 2010

अब सी-प्लेन में घूमने की तैयारी...


आपको पता ही है कि मुझे घूमना बहुत अच्छा लगता है. यहाँ अंडमान में तो घूमने का मजा और भी है. कभी प्लेन, कभी शिप, कभी हेलीकाप्टर, कभी क्रूज, कभी बोट....और अब नंबर है सी-प्लेन का. है ना मजेदार. अभी तो मैंने यह घोषणा सुनी है कि अक्तूबर से यहाँ भी सी-प्लेन की सुविधा आरंभ हो जाएगी, पर पापा को मैंने पहले से ही बता दिया है कि इस सी-प्लेन में मुझे घूमना है.सोचिये कित्ता मजा आयेगा जब यह सी-प्लेन समुद्र में लैंड करेगा और टेक-ऑफ़ करेगा. फिर तो हम समुद्र को कित्ते करीब से बीच में जाकर देख सकेंगे. मैं तो सोचकर ही रोमांचित हो जाती हूँ. जितने दिन अंडमान में हूँ, घूमने का तो मजा-ही-मजा है. आप भी अंडमान आयेंगें तो इन सबका मजा लीजियेगा !!

बुधवार, अगस्त 25, 2010

मैंने भी नारियल का फल पेड़ से तोडा ...

आपको पिछली बार अपनी मायाबंदर की सैर के बारे में बताया था ना. अब देखिये , वहाँ कैसे मैंने नारियल का मजा लिया. बड़े नारियल-छोटे नारियल. नारियल का पेड़ कित्ता लम्बू होता है, मैं तो उस पर चढ़ भी नहीं सकती....पर नारियल कित्ता भारी होता है. मुझे तो इसे पकड़ने में बड़ी मेहनत करनी पड़ी. पर मुझे नारियल का पानी पीने से भला ही कोई रोक सकता है.
मायाबंदर गेस्ट-हॉउस परिसर में जब मैं ममा-पापा के साथ घूम रही थी तो मुझे वहाँ एक छोटा सा नारियल का पेड़ भी देखा. फिर क्या था, मैंने हाथ बढाकर एक नारियल तोड़ लिया. वाह, कित्ता खुश हुई मैं कि मैं भी आपने हाथ से नारियल का फल तोड़ सकती हूँ...यह नारियल का पेड़ तो अभी लम्बू नहीं हुआ है. हुर्रे....

गुरुवार, अगस्त 19, 2010

सरस पायस सजा पाखी के नए-नवेले चित्रों से...

सरस पायस पर रवि अंकल ने मेरे कुछ चित्र लगाये हैं. पिछली बार तो उन्होंने मेरे चित्रों पर एक प्यारी सी कविता भी लिखी थी, पर इस बार लिखा है-

♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥
अंतरजाल पर स्थित चिट्ठाजगत में फुदकनेवाली
सबसे प्यारी चिड़िया अक्षिता "पाखी" को
कौन नहीं जानता?
♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥

उसने "सरस पायस" के लिए
अपने द्वारा बनाए गए कुछ अनोखे चित्र भेजे थे!

बहुत कोशिश करने पर भी
इस बार मैं उसके चित्रों पर कोई गीत नहीं रच पाया!

वैसे भी उसके चित्रों में एक नहीं, दो नहीं,
कई-कई कविताएँ छुपी होती हैं!

आवश्यकता है, तो एक ऐसी नज़र की,
जो उसके चित्रों में इन कविताओं की पंक्तियाँ खोज सके!

देखिए, आप भी देखिए, पाखी द्वारा बनाए गए
ये चित्र, जिनमें एक अनोखी मौलिकता नज़र आती है!

हो सकता है, आपको ही मिल जाएँ
इन चित्रों में छुपी गुनगुन करती कविताएँ या सुरीले गीत!
♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥
...यह रहा सरस पायस पर प्रदर्शित मेरा एक चित्र. शेष चित्र देखने के लिए तो आपको वहीँ जाना पड़ेगा.


♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥
पाखी का बनाया एक यह चित्र भी देख लेते हैं,
जो बहुत ख़ास है, क्योंकि इसे बनाकर उसने उपहार में दिया था,
अपने पापा को, उनके जन्म-दिन पर!
♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥

!! रवि अंकल ने यह सब बड़ी खूबसूरती से सजाया है....ढेर सारा प्यार और आभार !!
♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥
गाजियाबाद से प्रकाशित 'सत्य चक्र' साप्ताहिक अख़बार (26 जुलाई-1 अगस्त) में एक रिपोर्ट....


♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥♥♥♥ ♥♥
और हाँ, एक बात तो बताना भूल ही गई कि आज पोर्टब्लेयर में कामनवेल्थ खेलों से जुडी क्वींस बेटन रिले का आगमन हो रहा है. चारों तरफ खूब सजावट की गई है...


बुधवार, अगस्त 18, 2010

मायाबन्दर की सैर...

पिछले दिनों मैं ममा-पापा के साथ मायाबंदर घूमने गई। यह उत्तरी-मध्य अंडमान जिले का मुख्यालय भी है. हम लोग यहाँ पर मायाबंदर स्थित गेस्ट-हॉउस में टिके. इसके सामने ही एविस आइलैंड है. मैंने तो अपनी टेलिस्कोप से इसे देखा, बड़ा खूबसूरत लगा.-
आप भी तो इसे देखें. मैंने सोचा कि यहाँ बोट से घूमने जायेंगे, पर बारिश ने सब गड़बड़ कर दिया.
फिर सीढियों से हम नीचे गए, जहाँ समुद्र का पानी हमसे काफी नजदीक था. किनारे-किनारे बड़े-बड़े पत्थर थे.
मैंने तो खूब मस्ती की वहाँ....अभी तो बहुत कुछ बताना है. अगली पोस्ट में भी बताउंगी !!

रविवार, अगस्त 15, 2010

आज है प्यारा स्वतंत्रता दिवस


आज स्वतंत्रता दिवस है. टीचर जी बता रही थीं कि आज ही के दिन देश को आजादी मिली थी. आज तो संडे होने के कारण मैं स्कूल नहीं गई, लेकिन स्कूल में हम लोगों ने इसे फ्राईडे को ही सेलिब्रेट कर लिया. उस दिन फैंसी ड्रेस कम्पटीशन भी था. हम लोगों ने काफी इंजॉय किया. अब तो मैं राष्ट्र-गान भी गा लेती हूँ. आज पापा के साथ झंडारोहण देखने जरुर गई. चारों तरफ तिरंगे झंडे देखकर बड़ा अच्छा लगा. मैंने भी तिरंगे को सैलूट किया. लोगों को मार्च-पास्ट करते हुए देखकर तो मेरा भी मन उसमें शामिल होने को कर रहा था. मैं भी बड़ी हो जाउंगी तो मार्च-पास्ट में भाग लूंगी और सबसे आगे तिरंगा झंडा लेकर चलूंगी.रास्ते में मैंने दो तिरंगे-झंडे भी ख़रीदे और उनके साथ अपनी फोटो भी ली. आप सभी लोगों ने भी तो आज खूब मन से स्वतंत्रता दिवस मनाया होगा . और हाँ, झंडारोहण के बाद मिठाई भी मिली . यह रहा हमारा राष्ट्रीय तिरंगा झंडा. आप सभी लोगों को भी स्वतंत्रता दिवस की बधाइयाँ.

बुधवार, अगस्त 11, 2010

चिट्ठाजगत का गोलमाल : शिकायत किससे करूँ

आज तो चिट्ठाजगत जी ने मेरे साथ कमाल कर दिया. मेरी पोस्ट ही धडाधड टिप्पणियाँ से गायब कर दीं. पापा को बधाई वाली मेरी पोस्ट पर कुल 36 कमेंट्स हैं, पर धडाधड टिप्पणियाँ से यह पोस्ट ही गायब है, जबकि ममा वाले ब्लॉग शब्द-शिखर की 32 टिप्पणियाँ दिखाई जा रही हैं. फिर मैंने पापा का ब्लॉग 'शब्द सृजन की ओर' चिट्ठाजगत पर देखा तो उनकी पोस्ट पर 32 टिप्पणियाँ हैं, पर चिट्ठाजगत अभी तक 0 टिप्पणियाँ बता रहा है. फिर मैंने ममा के दूसरे ब्लॉग 'बाल-दुनिया' को देखा तो वहाँ 35 टिप्पणियाँ हैं, पर ये भी धडाधड टिप्पणियाँ से गायब है. कुछ तो गोल-मॉल है. आप भी अपना ब्लॉग देखें, शायद यह समस्या उसके साथ भी हो.

धड़ाधड़ टिप्पणियां
तेरा स्वागत है लड़की -सतीश सक्सेना [40]
बाल-गोपाल कृष्ण जी को जन्म-दिवस की बधाइयाँ [32]
उदयपुर का आमंत्रण देती कुछ तस्‍वीरें, आएंगे ना? [29]
सुनील गज्जाणी की तीन लघु कविताएँ [28]
बरसों से सोचती थी वो पल कभी तो आए, दिलकश [27]
प्रशासन और साहित्य के ध्वजवाहक : कृष्ण कुमार यादव [22]
खामोशियाँ [20]
यह कैसे पता किया जाए कि काटने वाला साँप ज़हरीला था अथवा नहीं? [19]
कश्मीर...! याद तो है ना? [18]
भीगी खामोशी [17]
दो पैसे की बातें! [17]
एक और भूली बिसरी ग़ज़ल [15]
The Soldier जाँबाज़ोँ को क्या मिलता है देश की सरकार से,बता रहे हैं सलमान खान Ayaz Ahmad [13]
आज डॉ टी एस दराल का जनमदिन है [13]
आज ब्लॉग4वार्ता की 150 वीं पोस्ट---ललित शर्मा [13]
तेरा हिज्र मेरा नसीब है... जब कब्बन मिर्ज़ा से गवाया खय्याम साहब और कमाल अमरोही ने [13]
मेरे देश का मानचित्र कौन बनायेगा [12]
तू ही मुझे संवार दे [12]
वर्ष के श्रेष्ठ आदर्श ब्लोगर का अलंकरण [12]
ममतामई [11]
ज्योतिष और रोग [11]
इन्हें मिटाने की कोशिश में लोग हैं लेकिन, गरीब आज भी जिंदा हैं, दंग है दुनिया। -सर्वत जमाल [11]
टोनही मंत्र सिद्ध करने का दिन - हरेली [11]
इन सब बातो को कहने की ज़रूरत क्यूँ महसूस होती हैं ?? [11]
माँ हूँ ना मैं....... [11]
हाथों की कलाकारी...खुशदीप [11]
साँकलों के पीछे... [10]
ब्रिहदेश्वर मंदिर, तंजावूर [10]
मेरा हिंद !! मेरे ख़यालों की वादी है .... [10]
Ramazan जिस्म और रूह की बेहतरी है रोज़े में - Anwer Jamal [10]
आसमान पर चलना ....कैसा लगता है?? [9]
ग़ज़ल/ सारे तथाकथित.... [9]
कितने छेद हैं? [8]
दिन तो कट ही जाता है दुनियां के झमेले में .... [8]
१० अगस्त १९९१ ! [8]
आप लोग १२ अगस्त को क्या करने वाले हो ? ऑटो वाले का सवाल (12th August Meter Jaam) [8]
ये देखिये! मैं दिखाता हूँ, क़ुरआन की आयतों का सार! QURAAN AND ITS CONCLUSION [8]
पहियों पर दौडती जिंदगी .............अजय कुमार झा [7]
दो लफ़्ज़ों का फूल ........ [7]
आज की तरही में आ रही है लक्ष्‍मीकांत प्‍यारेलाल की जोड़ी ? नहीं नहीं नहीं सलीम जावेद की जोड़ी ? नहीं नहीं नहीं नीरज गोस्‍वामी जी और तिलकराज जी की जोड़ी । [7]





1 से 30 तक कुल 84 [अगला]
0
पापा का जन्मदिन आया
1 दिन पूर्व पाखी की दुनिया... पर Akshita (Pakhi)
प्यारा-प्यारा दिन ये आया पापा का जन्मदिन लाया ढ़ेर सारी केक - मिठाई और खूब चाकलेट लाया। रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे सज गए गुब्बारे न्यारे मस्ती करूँ, धमाल करूँ गिफ्ट ...समाज
सम्बंधित लेख
अन्य विशेषताएँ

33
36 कमेंट्स।


....अब आप बताएं की इसकी शिकायत किससे करूँ. चिट्ठाजगत वाले अंकल जी तो लगता है मुझसे नाराज होकर बैठे हैं, तभी तो मेरे ब्लॉग की पोस्ट की टिप्पणियाँ नहीं दिखा रहे हैं.

मंगलवार, अगस्त 10, 2010

पापा का जन्मदिन आया



प्यारा-प्यारा दिन ये आया
पापा का जन्मदिन लाया
ढ़ेर सारी केक - मिठाई
और खूब चाकलेट लाया।

रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे
सज गए गुब्बारे न्यारे
मस्ती करूँ, धमाल करूँ
गिफ्ट मिले हैं कित्ते सारे।

मैंने तो एक कार्ड बनाया
फूलों से फिर उसे सजाया
ढ़ेर सारी आईसक्रीम, केक
मैने तो जी - भर खाया।

जन्मदिन पर पापा को
मैंने भी दी खूब बधाई
सबसे अच्छे मेरे पापा
खुशियों की बारात आई।

(आज पापा का जन्मदिन है. मैंने पापा के लिए एक प्यारा सा कार्ड अपने हाथों से बनाया. ..और यह कविता मेरे लिए ममा ने लिखी )

शनिवार, अगस्त 07, 2010

ममा के बाद अब पापा के बर्थ-डे की तैयारियाँ...

ममा का बर्थ-डे बीत गया और अब 10 अगस्त को पापा का बर्थ-डे है। 11 दिनों के बाद ही फिर से केक का मजा, बढ़िया पार्टी भी....जबसे पोर्टब्लेयर आई हूँ, सोचती हूँ कि हर अच्छे रिसॉर्ट, होटल की सैर करूँ. बस बहाना भर चाहिए. ममा का बर्थ-डे बे-आइलैंड पर फार्च्यून रिसॉर्ट में मनाया तो पापा का अभी सोचना है. और हाँ, ममा के बर्थ-डे के लिए तो आपने ढेर सरे गिफ्ट बताये और अब पापा के लिए सोचने की बारी है. जन्मदिन पर ममा को मैंने सुबह जगते ही प्यारा सा हग और किस दिया, फिर सुन्दर सा कार्ड और गुलाब के खूबसूरत फूल. ममा के लिए मैंने एक प्यारी सी ड्राइंग भी बनाई और हाँ, केक भी तो मैंने ही पसंद किया था. ममा को मैंने ढेर सारा प्यार किया और हाँ, ममा की कोई बात नहीं टाली. शाम की पार्टी पापा की तरफ से थी॥कित्ता मजा आया. पापा ने ममा को एक खूबसूरत नेकलेस सेट दिया. मैंने ममा के लिए एक प्यारी सी ड्रेस भी खरीदी, पिंक कलर की...पिंक इज माई फेवरेट कलर.

...पर अब पापा की बारी है, आखिर 10 अगस्त को उनका भी जन्मदिन है। अब सोचना है कि उनके जन्मदिन पर क्या करना है ? पापा को उनके जन्मदिन पर गिफ्ट में क्या दिया जाय ? अब आप भी मेरी हेल्प कीजिये न प्लीज़......!!

(चित्र में : पापा कित्ती मस्ती से चिड़िया-टापू में लस्सी पी रहे हैं. और मैंने उनकी यह फोटो कैमरे में कैद कर ली.)

गुरुवार, अगस्त 05, 2010

लाल-लाल तुम बन जाओगे...

आजकल मैं स्कूल में अच्छे से पढाई कर रही हूँ. सुबह जग जाती हूँ, ताकि स्कूल के लिए जल्दी से तैयार हो सकूँ. क्लास में टीचर जो भी बताती हैं, उन्हें भी अच्छी तरह फालो करती हूँ. आज टीचर ने हमें यह राइम सुनाई-

बच्चों खाओ कच्चे गाजर,

नींबू , खीरा और टमाटर,

लाल-लाल तुम बन जाओगे,

अच्छे बच्चे कहलाओगे

मुझे यह राइम बहुत अच्छी लगी. तभी तो मैंने घर आते ही इस प्लेट पर हाथ साफ कर दिया, आखिर इसमें भी तो वही सब सब्जियाँ-फल सलाद के रूप में थीं, जिन्हें टीचर ने खाने को बताया था. अब तो मैं भी लाल-लाल बन जाऊँगी.

मंगलवार, अगस्त 03, 2010

'चूं-चूं' के कवर पेज पर पाखी

आपको पता है. दीनदयाल शर्मा अंकल जी ने एक पुस्तक लिखी है और उसके कवर-पेज पर मेरी फोटो लगाई है. मुझे तो जब उन्होंने यह पुस्तक भेजी तो उस पर अपना फोटो देखकर मैं बहुत खुश हुई. ममा ने बैठे-बैठे मुझे इस 'चूं-चूं' 'चूं-चूं' शिशु काव्य-संग्रह के सारे शिशु-गीत सुना डाले, बड़ा मजा आया. फिर तो ममा ने इसकी समीक्षा भी लिख डाली. इसे आप रचनाकार पर पढ़ सकते हैं. यह समीक्षा टाबर-टोली अख़बार में भी पढ़ सकते हैं।
***********************************************************************************************************
बच्चों की दुनिया अलबेली और निराली है। यहाँ तक कि बड़े भी बच्चों के लिए रचते समय बच्चे ही बनकर लिख पाते हैं। राजस्थान के चर्चित बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा बाल साहित्य के क्षे़त्र में निरन्तर अपनी कृतियों से बच्चों का मन मोहते रहे हैं और इसी कड़ी में उनके नवीनतम शिशु काव्य-संग्रह 'चूं-चूं' को देखा जाना चाहिए।

16 पृष्ठीय इस शिशु काव्य संग्रह में कुल 14 शिशु गीत संकलित हैं। हर गीत चार पंक्ति का है और इसके साथ ही सुन्दर चित्र भी दिए गए हैं। आवरण पृष्ठ काफी आकर्षक है और इस पर अक्षिता (पाखी) का खूबसूरत चित्र लगाया गया है, जो कि पुस्तक की भावना के अनुरूप है। पाखी माने पक्षी या चिड़िया होता है और चिड़िया चूं-चूं करती है। इस नजरिये से दीनदयाल शर्मा जी की पुस्तक का शीर्षक चूं-चूं मनभावन है। पर आवरण पृष्ठ पर अंकित होने के बावजूद पुस्तक में अक्षिता (पाखी) के नाम का जिक्र न होना थोडा अजीब सा लगता है.
संग्रह में विभिन्न जानवरों व पक्षियों के बोलने के अंदाज को बखूबी प्रस्तुत किया गया है, मसलन खों-खों करके /उछला बन्दर / जो जीते कहलाये सिकंदर। एक अन्य शिशु गीत देखें- टिउ-तिउ जब/ तोता बोला/ पिंकी ने/ पिंजरे को खोला. इसी प्रकार अन्य शिशु गीतों में बंदर, चूहा, तोता, चिड़िया, मुर्गा, घोड़ा, बिल्ली, मोर, बकरी, मेंढक, गधा, कुत्ता और शेर के ऊपर गीत शामिल हैं. एक शिशु गीत घंटी पर आधारित है, जिसमें शिशु-मन की ठिठोली भी देखी जा सकती है-टन-टन-टनन/ घंटी बोली/ हम सब/ करने लगे ठिठोली. इन गीतों में मनोरंजन है- में-में कर/ बकरी मिमियाई/ हमको भाती/ खूब मिठाई, तो सार्थक सन्देश भी- कुकड़ू कूं/ मुर्गे की बांग/ आलस को/ खूंटी पर टांग.

दीनदयाल शर्मा जी के शिशु-गीत, शिशु-मन को बारीकी से पकड़ते हैं। शिशु-मन एक ऐसे कच्चे घड़े के समान होता है, जिसे किसी भी रूप में ढाला जा सकता है। शिशु और बाल साहित्य उनमें शिक्षा, संस्कार और अनुशासन के प्रति प्रवृत्त करते हैं- घोडा जोर से/ हिनहिनाया/ हमने/ अनुशासन अपनाया। इसी क्रम में देखें- टर्र-टर्र/ मेंढक टर्राया/ मेहनत से/ ना मैं घबराया. प्रकृति से काव्य का गहरा लगाव रहा है। कोई भी कवि प्रकृति के चित्रण के बिना अपने को अधूरा पाता है, फिर वह चाहे शिशु गीत ही क्यों न हो- चीं-चीं करके/ चिड़िया चहकी/ वातावरण में खुशबू महकी.

प्रस्तुत शिशु काव्य-संग्रह काफी आकर्षक एवं बच्चों को सरस व सहज रूप में समझ में आने वाली है, परन्तु संग्रह में प्रूफ सम्बन्धी त्रुटियाँ अखरती हैं। पृष्ठ संख्या 3 पर 'सिकंदर' को 'सिंकन्दर' , पृष्ठ संख्या 11 पर 'खूब' को 'खूग', पृष्ठ संख्या 12 पर 'हम' को 'इम' एवं पृष्ठ संख्या 15 पर 'झोंका' को 'झौंका' लिखा गया है. इसके बावजूद भाषा-प्रवाह में कोई बाधा नहीं आती और शिशु-गीतों के अनुरूप हर पृष्ठ पर अंकित सुन्दर चित्रों के चलते यह संग्रह बच्चों पर आसानी से प्रभाव छोड़ने में सक्षम दिखता है. सभी गीत शिशु-मन को भायेंगे और वे इसे बड़ी तल्लीनता से गुनगुनायेंगे. इस अनुपम शिशु काव्य-संग्रह हेतु दीनदयाल शर्मा जी को कोटिश: बधाई.

समालोच्य कृति- चूं-चूं (शिशु काव्य) /कवि- दीनदयाल शर्मा/ प्रकाशक-टाबर टोली, 10/22 आर. एच. बी., हनुमानगढ़ संगम, राजस्थान-335512/ आवरण चित्र- अक्षिता (पाखी) / प्रथम संस्करण- 2010/ पृष्ठ- 16 / मूल्य- 30 रुपये/ समीक्षक- आकांक्षा यादव, प्रवक्ता, राजकीय बालिका इंटर कालेज, नर्वल, कानपुर-२०९४०१
(साभार : रचनाकार)
(जरुर बताइयेगा कि 'चूं-चूं' पर मेरी फोटो कैसी लगी और समीक्षा के बारे में भी तो बताना ही पड़ेगा, नहीं तो ममा नाराज हो जाएँगी. )

रविवार, अगस्त 01, 2010

फ्रैंडशिप- डे की बधाई

आज पहली तारीख है. कुछ मीठा हो जाये आज पहली तारीख है. आज दोस्तों का दिन है, पहली तारीख है. संडे भी है, आज पहली तारीख है. यह सब मैं इसलिए गा रही हूँ क्योंकि आज फ्रैंडशिप-डे है. आप सभी को इस दिन पर ढेर सारी बधाई और प्यार !!