आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

गुरुवार, जून 23, 2011

''परिकल्पना ब्लागोत्सव'' में अक्षिता (पाखी) के चार रेखाचित्र



''परिकल्पना ब्लागोत्सव'' का आरंभ हो चुका है. इस पर आज मेरी चार ड्राइंग (रेखा-चित्रों) देखिएगा और अपनी प्रतिक्रिया भी तो दीजियेगा.

इसे देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.

परिकल्पना ब्लागोत्सव : अक्षिता (पाखी) के चार रेखाचित्र

सोमवार, जून 20, 2011

पाखी ने ली पापा की ढेर सारी फोटो...

कल जून माह का तीसरा रविवार था और इस दिन होता है फादर्स-डे. कल तो मैं अपने ममा-पापा और तन्वी के साथ अंडमान के सबसे दक्षिणी भाग डिगलीपुर में थी. एक हफ्ते के इस घुमाई में मैंने बहुत कुछ देखा, पर पहले पापा की बातें.


इस बार मैंने कैमरे का प्रयोग खूब अच्छी तरह करना सीख लिया है. मैंने रास्ते भर खूब फोटोग्राफ खींची. अब तो फोटोग्राफ मुझसे शेक भी नहीं होते हैं. कल तो डिगलीपुर के गेस्ट-हॉउस में पापा की ढेर सारी पिक्चर्स लीं. अब आप भी देखिये और बताइए कि अब मेरी फोटोग्राफी कैसी है...







कुछ गेस्ट हॉउस के लान में, कुछ अंदर.



चलते-चलते यह फेमिली फोटोग्राफ भी. इसे पापा के एक स्टाफ ने स्नैप किया है.

सोमवार, जून 13, 2011

पाखी चली घूमने...बाय-बाय


मैं कल से 10 दिन के लिए घूमने मामा-पापा और तन्वी के साथ दूसरे द्वीपों पर जा रही हूँ. इस बीच हम जारवा बेल्ट क्रास करते हुए अंडमान के सबसे दक्षिणी भाग डिगलीपुर तक जायेंगें. अब तो छुट्टियाँ भी ख़त्म होने वाली हैं, फिर सारी घुमाई अभी कर लूँ. अब, जब घूमकर आऊंगी तो आप सभी से ब्लॉग पर मुलाकात होगी..तब तक के लिए बाय-बाय !!

शुक्रवार, जून 10, 2011

मौसा-मौसी लाए खुशियाँ...

आज का दिन मेरे लिए फिर खुशियाँ लाया. सुबह-सुबह खबर मिली कि मौसा-मौसी मेरे और तन्वी के लिए दो प्यारे-प्यारे भाई लाये. मैं तो दीदी बन ही चुकी हूँ और अब तो तन्वी भी दीदी बन गई...वाह कित्ता मजेदार. नानी जी भी मौसी के साथ हैं, उन्होंने ही सुबह-सुबह फोन पर बनारस से जानकारी दी. मैंने भी मौसी से बातें की...वह तो बहुत खुश हैं. अब तो घर में हम बच्चों का संसार बढ़ता ही जा रहा है. जब हम-सब इक साथ मिलेंगें तो कित्ता धमाल करेंगें !!

अभी तो इन नए सदस्यों की फोटो नहीं है, पर मौसी-मौसा से तो मिल लीजिये...



(बनारस में जन्म के बाद मौसी के साथ तन्वी और पाखी)




(बनारस में जन्म के बाद तन्वी को लिए मौसा जी श्री विश्वजीत सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर, कस्टम )

बुधवार, जून 08, 2011

मरीना पार्क में 1971 की विजय का गवाह विजयंत टैंक

इस टैंक को आप पहचानते हैं. यह विजयंत टैंक है, जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लिया था. अब यह पोर्टब्लेयर के मरीना पार्क में लगा है.



इसके सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाने का मजा ही कुछ और है.




इस टैंक के बारे में आप भी कुछ जानकारी हासिल कीजिए.




..वाकई, यह विजय का प्रतीक है.




आप भी कभी पोर्टब्लेयर आयें, तो मरीना-पार्क में इस टैंक के पास खड़े होकर विजयी-भाव का अहसास करें !!

मंगलवार, जून 07, 2011

गर्मी की छुट्टियों की मस्ती...

आजकल छुट्टियाँ हैं, इसलिए खूब घुमाई चल रही है. इसीलिए ब्लॉग पर आप सभी से खूब बातें भी नहीं हो पा रही हैं. ये देखिये पोर्टब्लेयर के मरीना पार्क में मेरी मस्ती-














...तो कैसी लगी आपको मेरी यह छुट्टियों वाली मस्ती.
यहाँ तो बारिश भी हो रही है, फिर घूमने-फिरने का मजा और भी बढ़ जाता है !!