आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

रविवार, फ़रवरी 27, 2011

अपूर्वा (तन्वी) हुई चार माह की

आज मेरी सिस्टर अपूर्वा (तन्वी) आज पूरे चार माह की हो गई. आज तो संडे भी था, सो पूरे दिन धमाल. अब तो अपूर्वा (तन्वी) मेरे बाल पकड़कर भी खींचने लगी है और मुस्कुराती अलग से है.
अपूर्वा (तन्वी) को चार माह की होने पर दीदी की तरफ से ढेर सारी बधाई और प्यार...आप लोग तो अपना प्यार और आशीर्वाद देंगे ही !!

मंगलवार, फ़रवरी 22, 2011

चल मेरे हाथी...


पिछले रविवार को मैं ममा-पापा और तन्वी के साथ हैवलाक घूमने गई थी तो वहाँ एलीफैंट-राइडिंग का भी मजा लिया. पहले जो जब मुझे पता चला कि संडे को राधानगर बीच पर एलीफैंट-राइडिंग नहीं होती है तो मैं बहुत उदास हो गई. फिर पापा ने वहाँ के DFO अंकल से बात करके एलीफैंट-राइडिंग की व्यवस्था कराई.

यह तो मेरी पहली एलीफैंट-राइडिंग थी, सो डर भी लग रहा था की कहीं हाथी-राजा मुझे गिरा न दें.

पर ममा-पापा के रहते डर कैसा...

महावत जी भी तो साथ-साथ चल रहे थे..

कित्ता मजा आ रहा है जंगल के बीच से गुजरते हुए...और हाथी के बड़े-बड़े कान देखकर तो और भी मजा आ रहा था.पर नीचे देखो तो कित्ता डर भी लग रहा था.

एलीफैंट-राइडिंग में तो मुझे बहुत मजा आया...अब तो जब भी हैवलाक जाउंगी, इसका मजा लूंगी. चल मेरे हाथी...








शुक्रवार, फ़रवरी 18, 2011

इण्डिया के पहले 'सी-प्लेन' से पाखी की यात्रा

इस शनिवार को मैं ममा-पापा और तन्वी के साथ हैवलाक घूमने गई. पिछली बार गई थी तो, हेलीकाप्टर से गई थी. इस बार तो सी-प्लेन से यात्रा.पोर्टब्लेयर में यह सी-प्लेन हेलीपैड से उड़ान भरता है और हैवलाक में सीधे समुद्र में उतरता है.


आखिर अपने इण्डिया में पहली बार सी-प्लेन लांच हुआ है और वो भी अंडमान में, फिर भला कैसे पीछे रहती.


तो चली मैं ममा-पापा और तन्वी के साथ. तन्वी की तो यह पहली हैवलाक यात्रा है.


पापा की गोद किसी सी-प्लेन से थोड़े ही कम है.


ये चढ़ी मैं सी-प्लेन पर.


पापा जल्दी आओ...


वाह, सी-प्लेन तो कित्ता फैन्टास्टिक है...


इसमें पायलट की सीट सहित कुल 09 सीट हैं और एक साथ 02 पायलट और 8-9 लोग बैठ सकते हैं.


अभी तो एक ही पायलट अंकल से कम चल रहा है. पायलट अंकल अमेरिका से आए हैं. लगता है अभी इंडियन पायलट अंकल को सी-प्लेन हैंडल करना सीखना है.


वाह, सी-प्लेन तो अब समुद्र के ऊपर उड़ रहा है. नीचे छोटे-छोटे द्वीप (Islands) देखना कित्ता सुन्दर लगता है.


सी-प्लेन की तो समुद्र में छाया (Shadow) भी दिख रही है.


लगता है हम हैवलाक पहुँच गए.


ये सी-प्लेन ने समुद्र की सतह पर उतरने की कोशिश की.


अले वाह, हमारा सी-प्लेन तो एकदम समुद्र के पानी में उतर गया है. कित्ता अच्छा लग रहा है.


समुद्र में एक फ्लोटिंग बोर्ड के पास सी-प्लेन लैंड किया.


सी-प्लेन से उतरकर हम लोग एक स्पीड-बोट में बैठ गए. पूरे 20 मिनट लगे सी-प्लेन को पोर्टब्लेयर से हैवलाक की यात्रा करने में.


सी-प्लेन अपनी पोर्टब्लेयर यात्रा के लिए तैयार...


और हम बोट से पहुँच गए हैवलाक.

आप भी कभी अंडमान घूमने आइयेगा तो सी-प्लेन का लुत्फ़ जरुर लीजियेगा।

अले हाँ, किराया तो बताना भूल ही गई, 4100/- प्रति यात्री. (एक तरफ का मात्र).





































शुक्रवार, फ़रवरी 11, 2011

पाखी की नई ड्राइंग

यह रही मेरी नई ड्राइंग. आप देखकर बताइए इसमें मैंने क्या-क्या बनाया है.


कल सुबह मैं ममा-पापा और तन्वी के साथ छुट्टियाँ मनाने हैवलाक जा रही हूँ. अले हाँ, पहली बार सी-प्लेन से जाऊँगी. बड़ा मजा आयेगा. तन्वी तो पहली बार हैवलाक जा रही है. लौट कर आउंगी तो बढ़िया-बढ़िया फोटो भी दिखाऊन्गी !!

मंगलवार, फ़रवरी 08, 2011

आज वसंत पंचमी है...उत्सव का माहौल है !!

आज वसंत पंचमी है.


आज तो सरस्वती माँ की भी पूजा होती है.


हम बच्चों को तो खूब मन से पढाई करनी चाहिए, तभी तो हम ज्ञान का उजियारा फैलायेंगे.


क्या उत्सव का माहौल है...चलिए हम सभी भी शामिल हों.


ममा बता रही थीं कि इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने का चलन है, क्योंकि वसंत में सरसों पर आने वाले पीले फूलों से समूची धरती पीली नजर आती है।


वसंत पंचमी तो बहुत प्यारा त्यौहार है..इसके साथ मौसम भी कित्ता सुहाना हो जाता है।

वसंत पंचमी पर आप सबको ढेर सारी बधाई

और मुझे खूब प्यार और आशीर्वाद भी तो दीजियेगा !!











शुक्रवार, फ़रवरी 04, 2011

रास आइलैंड में हिरणों के साथ पाखी..

पिछले हफ्ते मैं ममा-पापा के साथ रास आइलैंड गई. वहां मैंने खूब मस्ती की. मेरा प्यारा सा पार्क, बीच, खूब लम्बे-लम्बे कोकोनट के पेड़ और ढेर सारा खंडहर. पापा ने बताया कि पोर्टब्लेयर से पहले अंग्रेजों ने रास आइलैंड को ही राजधानी बनाया. यहाँ तो खूब खंडहर दिखते हैं. यह सब भी दिखाउंगी, पर आज देखिये वहाँ के हिरण.


कित्ती मस्ती से कोकोनट खाते हैं.


..ममा ने दिखाया तो दौड़ा आया.


पापा ने भी तो ट्राई किया..


इस हिरण की सींघें कित्ती बड़ी-बड़ी हैं..


और यह प्यारा सा हिरण..

आप भी जब कभी रास आइलैंड जाइएगा, तो इन हिरणों को खूब कोकोनट खिलाईयेगा .