आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

शनिवार, जुलाई 30, 2011

ममा का जन्मदिन आया...

आज 30 जुलाई को ममा का जन्म-दिन है. आज तो पार्टी वाला मस्ती भरा दिन है. मेरी भी छुट्टी और पापा की भी. आज तो खूब धमाल करेंगें. तन्वी तो पहली बार ममा के बर्थ-डे पर है. फिर हम तो चले आज ममा का हैपी बर्थ-डे सेलिब्रेट करने. और चलते-चलते यह बाल-गीत....



प्यारा-प्यारा दिन ये आया,
ममा का जन्मदिन लाया।
ढेर सारी केक-मिठाई,
और खूब चाकलेट लाया।




ममा ने काटा बर्थ-डे केक,
फूँक मार मोमबत्ती बुझाई।
सबने गाया हैप्पी बर्थ-डे,
जन्मदिन की दी बधाई।



रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे,
सजे हुए गुब्बारे न्यारे।
मस्ती करूँ, धमाल करूँ,
गिफ्ट मिले हैं कितने सारे।



मैंने तो एक कार्ड बनाया,
फूलों से फिर उसे सजाया।
ममा को दी खूब बधाई,
ममा ने फिर गले लगाया।

गुरुवार, जुलाई 28, 2011

पाखी का गुलाब

अंडमान-निकोबार में इस पूरे महीने 62 वाँ वन-महोत्सव मनाया जा रहा है. इस अवसर पर मेरे स्कूल में भी कई कार्यक्रम हुए. यह महोत्सव 30 जुलाई को ख़त्म होगा. आज हम लोगों को स्कूल में इस महोत्सव के बारे में बताया गया और ग्रीन इण्डिया व ग्रीन आइलैंड्स को लेकर हम सभी लोगों ने पौधारोपण किया।


हम सभी बच्चे आज अपने साथ एक-एक पौधा ले गए और स्कूल में लगाया. किसी ने फलों का, किसी ने फूलों का, किसी ने पत्तियों वाले पौधे लगाये. मैंने तो एक गुलाब का पौधा लगाया।


आखिर गुलाब फूलों का राजा जो होता है. जब तक मैं अंडमान में हूँ, तब तक तो इस पौधे पर गुलाब के ढेर सारे फूल भी आ जाएंगें और उन्हें देखना कित्ता अच्छा लगेगा !!

...आप भी ढेर सारे पौधे लगाइए. तभी तो चारों तरफ हरियाली रहेगी और हमें शुद्ध हवा और आक्सीजन मिल सकेगी !!

सोमवार, जुलाई 25, 2011

ये रहे मेरे साफ्ट टॉयज


आपको टॉयज अच्छे लगते हैं. मुझे तो बहुत अच्छे लगते हैं. आपने साथ-साथ तन्वी के टॉयज भी तो हैं, फिर ढेर सारी मस्ती. ऐसी ही एक दिन की मस्ती को पापा ने कैमरे में कैद कर लिया.






आप बताईए, कैसी लगी मेरी यह मस्ती और मेरे साफ्ट टॉयज !!

बुधवार, जुलाई 20, 2011

कित्ती स्वादिष्ट है यह लीची..

लीची तो मुझे बहुत भाती है. पर यहाँ अंडमान में ज्यादा नहीं मिलती. गर्मी की छुट्टियों में एक दिन ममा-पापा के साथ हेलीपैड से बाहर निकल रही थी कि लीची वाला दिख गया.




फिर क्या था, ढेर सारी लीची खरीदकर लाई.





खूब स्वाद ले-ले कर खाए.





कित्ती स्वादिष्ट है यह लीची..

शुक्रवार, जुलाई 15, 2011

ये ब्लॉग अच्छा लगा : पाखी माने पक्षी या चिड़िया - अक्षिता पाखी


कल एक चिङिया उङती हुयी मेरे ब्लाग पर आयी । मैंने कहा - हल्लो डियर लिटिल बर्ड ।

तब चिङिया ने कहा - मैं चिङिया नहीं हूँ । मेरा नाम चिङिया है । पाखी माने पक्षी या चिड़िया ।

मैंने कहा - डियर ! आप चिङिया हो । तभी तो आपका नाम पाखी है । अब चिङिया को खरगोश कहते सुना है किसी से ?

पाखी ने कहा - ओफ़्फ़ोह अंकल ! वैसे तो मैं एक प्यारी बच्ची हूँ । पर मैं दिन भर चिङिया की तरह इधर उधर फ़ुदकती हूँ ना । इसलिये मम्मी ने मेरा नाम पाखी रख दिया ।

अच्छा ! मैंने आश्चर्य से कहा - और आपके पापाजी का नाम क्या है ?

पाखी - अंकल ! माय फ़ादर नेम इज श्री कृष्ण कुमार यादव । ( उफ़ ! अब इस बच्ची को कौन समझाये कि मुझे इंगलिश बिल्कुल भी नहीं आती )

मैंने कहा - फ़िर आपकी ममा का नाम जरूर राधा यादव होगा । स्योर !

पाखी ने झुँझलाकर माथे पर हाथ मारा । और बोली - उफ़ ! अंकल लगता है । आपने शेक्सपियर को नहीं पढा कि ..नाम में क्या रखा है ?

मैंने कहा - अगर नाम में कुछ नहीं रखा । तो फ़िर मैं आपको कैसे बुलाऊँगा । और आप मुझे कैसे बुलाओगी ? सब लोग एक दूसरे को कैसे बुलायेंगे ?

अच्छा अंकल ! पाखी चुटकी बजाकर बोली - आपका नाम राजीव है । और राजीव माने कमल । तो क्या आप कमल हो गये । मीन एक फ़्लावर । ( उफ़ ! अब इस स्वीट बच्ची को कैसे बताऊँ कि पर्यायवाची शब्दों का पेज मैंने चूरन रखने के लिये किताब से फ़ाङ ही दिया था )

इसलिये मैंने टापिक बदलते हुये कहा - खैर छोङो । एक बात बताओ । आप तो पाखी हो । इसलिये समुद्र के ऊपर से हनुमान जी की तरह उङकर हमारे सबके ब्लाग पर आ जाती हो । लेकिन हम सभी ब्लागर आपके ब्लाग पर जाने के लिये समुद्र कैसे पार करें ?

पाखी दो मिनट तक सोचती रही । और फ़िर खुश होकर बोली - अंकल ! आप विक्रम वैताल वाले वैताल के द्वारा आ जाना ।
और फ़िर मुझे आगे बोलने का अबसर दिये बिना " फ़ुर्र " से टाटा बाय बाय करते हुये पोर्ट ब्लेयर को उङ गयी ।

और ये है । प्यारी नन्ही अक्षिता पाखी का परिचय -

मेरा नाम अक्षिता है । सब मुझे प्यार से पाखी नाम से बुलाते हैं । मेरा ये निकनेम अच्छा है ना । आप भी मुझे पाखी कहकर बुला सकते हैं । पाखी माने पक्षी या चिड़िया । मैं भी तो एक चिड़िया ही हूँ । जो दिन भर इधर उधर फुदकती रहती हूँ । मेरा जन्म 25 मार्च को हुआ । अब इसे अपने दिमाग की डायरी में नोट कर लीजिये । तभी तो आप मुझे जन्मदिन की बधाई देंगे । और ढेर सारे गिफ्ट भी । और हाँ..खूब सारा प्यार और आशीर्वाद भी । मुझे अच्छा लगता है - खेलना । नृत्य करना । चित्र बनाना । आइसक्रीम खाना और ढेर सारी शरारतें करना । मेरे ममा श्रीमती आकांक्षा पापा श्री कृष्ण कुमार यादव हैं । मेरा ददिहाल आजमगढ़ और ननिहाल सैदपुर (गाजीपुर) में है । फ़िलहाल ममा पापा के साथ पोर्टब्लेयर (अंडमान) में हूँ । मेरी छोटी बहन तन्वी भी है । मैं LKG में पढ़ती हूँ । 'पाखी की दुनिया' में आप पायेंगें मेरी ढेर सारी बातें । घूमना फिरना । मेरी क्रिएटिविटी । मेरी फेमिली और स्कूल की बातें और भी बहुत कुछ । यह ब्लॉग 24 जून 2009 को आरंभ हुआ । अब तो यहाँ भी खूब फुदक फुदक करुँगी । इनका ब्लाग - पाखी की दुनिया

( 'ये ब्लॉग अच्छा लगा' ब्लॉग पर राजीव कुलश्रेष्ठ अंकल जी द्वारा 'पाखी की दुनिया' के बारे में लिखी गई पोस्ट साभार)


...यहाँ BLOG WORLD .COM पर भी राजीव कुलश्रेष्ठ अंकल जी ने मेरे बारे में लिखा है, आभार और प्यार !!

सोमवार, जुलाई 11, 2011

बेटियों को मारो नहीं...


आज विश्व जनसंख्या दिवस है. 2011 में तो मैं पहली बार जनसंख्या में शामिल हुई. मैं ही नहीं, 2001 के बाद पैदा सभी बच्चे पहली बार इस जनसंख्या में शामिल हुए. यह तो हम सभी के लिए ख़ुशी की बात है !

...पर इक दुःख की बात भी है कि बेटों कि अपेक्षा बेटियों की संख्या घटी है. इसलिए नहीं कि बेटियाँ पैदा ही नहीं हुईं, बल्कि इसलिए कि कई लोग बेटियों को पसंद नहीं करते और उन्हें पेट में ही मार डालते हैं. वे क्यों नहीं सोचते कि आखिर, हम बेटियों के बिना तो दुनिया सूनी है.

..इस 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर यदि सब लोग यही संकल्प लें कि बेटियों को मारेंगें नहीं, तो ही इस दिन की सार्थकता है !!

शुक्रवार, जुलाई 08, 2011

पाखी की नई ड्राइंग


!! यह रही मेरी नई ड्राइंग. इसे देखकर बताइयेगा कि कैसी है और आपने क्या-क्या देखा इसमें !!

सोमवार, जुलाई 04, 2011

'पाखी की दुनिया' के दो साल पूरे





चलिए, आज एक अच्छी बात शेयर करती हूँ आप सबसे. मेरे ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' को दो साल पूरे हो गए. यह ब्लॉग 24 जून, 2009 को आरंभ हुआ था. तबसे ममा-पापा के माध्यम से आप सब ने मेरी तमाम गतिविधियों के बारे में जाना. मेरी ड्राइंग देखी, मेरी पिक्चर देखी और मेरे साथ कई जगहों पर घूमे भी. इस बीच मेरी कई ड्राइंग पत्र-पत्रिकाओं में भी छपी, आल इण्डिया रेडियो-पोर्टब्लेयर से बाल-जगत में मेरा इंटरव्यू प्रसारित हुआ, दीनदयाल शर्मा अंकल जी ने अपनी पुस्तक 'चूं-चूं' के कवर-पेज पर मेरी फोटो लगाई, कई पत्र-पत्रिकाओं ने मेरे ब्लॉग और मेरे बारे में लिखा, एक अंकल ने तो आपने शोध में भी मेरा नाम शामिल किया, मेरी ड्राइंग पर और मेरे जन्म-दिन पर बाल-गीतों और कार्टून का उपहार मिला, वर्ष-2010 में परिकल्पना ब्लागोत्सव के तहत श्रेष्ठ नन्हीं ब्लागर का भी ख़िताब मिला. ...यह सब आप सबके प्यार और आशीर्वाद का ही नतीजा रहा. आप सब ने मुझे खूब प्रोत्साहित किया. पाखी की दुनिया पर अब तक 167 पोस्ट प्रकाशित हैं. 172 जन इसका अनुसरण (Follow) करते हैं. networked Blogs के माध्यम से भी इसे 98 लोग अनुसरण (Follow) करते हैं. इस ब्लॉग को 26,500 से ज्यादा लोगों ने देखा-पढ़ा है. 65 से ज्यादा देशों के लोग 'पाखी की दुनिया' पर आए और रु-ब-रु हुए. 5,000 से ज्यादा कमेन्ट इस ब्लॉग पर किये गए हैं. indiblogger.in इस ब्लॉग को 100 में से 79 अंक देता है.फेस बुक पर एक पेज के रूप में भी ''Akshita (Pakhi) : पाखी की दुनिया'' है, जिसे 366 जन पसंद करते हैं !!


!!'पाखी की दुनिया' के दो साल पूरे होने पर आप सभी के प्यार, स्नेह और आशीष की आकांक्षी हूँ !!

शुक्रवार, जुलाई 01, 2011

गर्मी की छुट्टियाँ ख़त्म..स्कूल शुरू

गर्मी की छुट्टियाँ ख़त्म और कल से मेरे स्कूल शुरू हो गए. इन छुट्टियों में मैं खूब घूमी और मस्ती की. अब धीरे-धीरे सबकी फोटो दिखाऊन्गी. और अपनी बातें भी शेयर करूँगीं. 28 जून को तन्वी भी 8 माह की हो गई. अब तो मुझे स्कूल छोड़ने ममा-पापा के साथ वह भी जाएगी..है ना मजेदार. मैंने तो घूमने के चक्कर में अपना होम-वर्क भी पूरा नहीं किया था. स्कूल खुलने से एक दिन पहले तो दिन भर होम-वर्क किया. नहीं तो पापा की डांट भी सुननी पड़ती. अच्छा लगा, पहले दिन अपनी क्लास-टीचर और दोस्तों को देखकर. अब तो सुबह 6:30 बजे जगना होगा, आखिर क्लास भी तो 7:30 से स्टार्ट हो जाती है. यह तो आपका पता ही है कि अब मैं के. जी.-I में चली गई हूँ. जल्द ही अपने स्कूल की ढेर सारी बातें भी बताउंगी !!

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''परिकल्पना ब्लागोत्सव'' का आरंभ हो चुका है. इस पर मेरी चार ड्राइंग (रेखा-चित्र) देखिएगा और अपनी प्रतिक्रिया भी तो दीजियेगा.

इसे देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.

परिकल्पना ब्लागोत्सव : अक्षिता (पाखी) के चार रेखाचित्र