आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

बुधवार, अगस्त 31, 2011

पाखी पहुँची पैरट आइलैंड




(पिछले दिनों मैं ममा-पापा और तन्वी के साथ पैरट आइलैंड घूमने गई थी. वहाँ मैंने ढेर सारे तोते देखे. इस पर पापा ने एक पोस्ट भी लिखी थी. आप भी पढ़ें-


अंडमान में बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जो प्राय: बहुत कम ही लोगों को पता होती हैं. इन्हीं में से एक है-पैरट-आइलैंड. पोर्टब्लेयर से बाराटांग की यात्रा में बहुत कुछ देखने को मिलता है. रास्ते में पाषाण कालीन सभ्यता में रह रहे तीर-धनुष से लैस जारवा आदिवासी, बाराटांग में कीचड़ के ज्वालामुखी, लाइम स्टोन केव. चारों तरफ घने वृक्षों से आच्छादित हरे-भरे जंगल और समुद्र की अठखेलियाँ. समुद्र का सीना चीरते हमारी स्टीमर-बोट शाम को साढ़े चार बजे आगे बढती है, साथ में हमारा परिवार और कुछेक स्टाफ के लोग.

मैन्ग्रोव-क्रीक के बीच से गुजरते हुए शाम की समुद्री हवाएँ ठण्ड का अहसास कराती हैं. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, आस-पास दसियों छोटे-छोटे द्वीप दिखने लगते हैं. मौसम सुहाना सा हो चला है. गंतव्य नजदीक है. आखिर हम पैरट-आइलैंड के करीब पहुँच ही जाते हैं. बोट को धीमे-धीमे वह किनारे लगाता है. उतरने की कोई जगह नहीं, बोट में बैठकर ही नजारा लेना है.
बिटिया पाखी चारों तरफ टक-टकी सी निगाह लगाए हुए है. बार-बार पूछती है कि तोते कब दिखेंगें. कानपुर में हमारे आवास-प्रांगन में एक विशाल वट वृक्ष था, शाम को उस पर अक्सर ढेर सारे तोते आते थे. तोतों की टें-टें सुनना मनोरंजक लगता था.
...चारों तरफ ठहरी हुई शांति, समुद्र भी मानो थक कर आराम कर रहो हो. एक-दो मछुहारे नाव के साथ मछली पकड़ते दिख जाते हैं. अचानक एक चीख सी पूरे माहौल का सन्नाटा तोड़ती है. हम चौंकते हैं कि क्या हुआ ? नाविक ने बताया कि जंगल में किसी ने हिरण का शिकार कर पकड़ लिया है. यद्यपि यहाँ हिरण को मारना जुर्म है, पर ये तथाकथित शिकारी जंगलों में कुत्तों के साथ जाते हैं और कुत्ते दौड़कर हिरण को पकड़ लेते हैं. अंडमान में अवैध रूप से हिरण के मांस की बिक्री कई बार सुनने को मिलती है. यह भी एक अजीब बात है की यहाँ के आदिवासी हिरणों को पवित्र आत्मा मानते हैं और उनका शिकार नहीं करते, पर बाहर से आकर बसे लोग हिरणों के शिकार में अवैध रूप से लिप्त हैं.
पैरट आईलैंड वास्तव में समुद्र के बीच मैंग्रोव की झाड़ियों पर अवस्थित है. यहाँ कोई जमीन नहीं, इसीलिए चाहकर भी बोट से नहीं उतर सकते. इन मैंग्रोव की झाड़ियों को तोतों ने कुतर-कुतर कर सम बना दिया है, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो. दूर से देखने पर यह हरे रंग का गलीचा लगता है. न तो एक पत्ती ऊपर, न एक पत्ती नीचे. वाकई, प्रकृति का अद्भुत नजारा....तभी एक तोते की टें-टें सुनाई दी. वह चारों तरफ एक चक्कर मरता है, फिर आवाज़ देता है-टें-टें. यह इशारा था सभी तोतों को बुलाने का. तभी दूसरी दिशा से आते दो तोते दिखाई दिए..टें-टें. फिर तो देखते ही देखते चारों तरफ से तोतों का झुण्ड दिखने लगा. बमुश्किल 15 मिनट के भीतर हजारों तोते आसमान में दिखने लगे. आसमान में कलाबाजियाँ करते, विभिन्न तरह की आकृति बनाते, एक झुण्ड से दुसरे झुण्ड में मिलते और फिर बड़ा झुण्ड बनाते तोते मानो अपनी एकता और कला का जीवंत प्रदर्शन कर रहे हों.
सबसे बड़ा अजूबा तो यह था कि कोई भी तोता मैंग्रोव पर नहीं बैठता, बस उसके चारों तरफ चक्कर लगाता और फिर आसमान में कलाबाजियाँ, मानो सब एक अनुशासन से बंधे हुए हों...और देखते ही देखते सारे तोते मैंग्रोव की झाड़ियों पर उतर गए. हरे रंग के मैंग्रोव पर हरे-हरे तोते, सब एकाकार से हो गए थे. चूँकि हमने उन्हें वहाँ उतरते देखा था, अत: उनकी उपस्थिति का भान हो रहा था. कोई सोच भी नहीं सकता कि मैंग्रोव की इन झाड़ियों पर हजारों तोते उपस्थित हैं. न जाने कितने द्वीपों से और दूर-दूर से ये तोते आते हैं और पूरी रात एक साथ बिताने के बाद फिर अगली सुबह मोती की तरह बिखरे द्वीपों की सैर पर निकल जाते हैं.

(पापा द्वारा लिखी गई इक पोस्ट)

सोमवार, अगस्त 22, 2011

माख्नन चोर श्री कृष्ण का जन्म दिन आया..


आज कृष्ण जन्माष्टमी है। आज ही तो देर रात माख्नन चोर श्री कृष्ण का जन्म हुआ था.जन्माष्टमी हमारे यहाँ खूब अच्छे से मनाई जाती है. मैं भी देर रात तक जगकर आज कृष्ण-जन्मोत्सव देखूंगी. कृष्ण जी की बाल-लीलाएं तो मुझे बहुत अच्छी लगती हैं. वे भी तो हम बच्चों जैसे ही खूब शरारतें करते थे और फिर उनकी मैया यशोदा कित्ता डांटती थी. लेकिन कृष्ण जी भी कम नहीं थे, अंतत: मैया को अपनी तरफ कर ही लेते थे और फिर गोपियाँ देखती ही रह जाती थीं।

और हाँ, कृष्ण जन्माष्टमी तो मेरे लिए इसलिए भी और महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि जन्माष्टमी के दिन ही मेरे पापा और नानी जी का भी जन्म हुआ था.



इस कृष्ण-जन्माष्टमी पर आप लोग मुझे ढेर सारा आशीर्वाद और प्यार दीजियेगा !!

बुधवार, अगस्त 17, 2011

स्कूल में बाँधी पौधों को राखी...


कल 16 अगस्त को मेरे स्कूल में रक्षा-बंधन मनाया गया. पर यह रक्षाबंधन थोडा अलग था, क्योंकि हम सभी ने पौधों को रक्षाबंधन बाँधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया. टीचर जी ने बताया कि पौधे हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए बहुत जरुरी हैं. यदि ये ही नहीं रहेंगें तो हम सब भी नहीं रहेंगें.

हम लोगों ने यह भी वादा किया कि खेल-खेल में भी कोई पेड़-पौधों की पत्तियाँ नहीं तोड़ेगा, आखिर उन्हें भी तो दर्द होता होगा. कितना अच्छा लग रहा था, सब पौधे मानो राखी पहनकर कित्ते खुश दिखाई दे रहे थे.

चलिए, आप सब भी हमारे साथ संकल्प लीजिये कि किसी पेड़-पौधे को अब नुकसान नहीं पहुँचायेंगें !!

(चित्र में : यह हंसते हुए फूल आप सभी के लिए)

मंगलवार, अगस्त 16, 2011

ले. गवर्नर द्वारा आयोजित स्वागत-समारोह (Reception) में पाखी

कल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर मैं पहली बार अंडमान-निकोबार के ले. गवर्नर द्वारा आयोजित स्वागत-समारोह (Reception) में शामिल हुई. कित्ते लोग थे वहाँ, ढेर सारे लोग आए थे. पर मेरी तरह के बच्चे बहुत कम दिखे वहाँ. वहाँ पर मैंने उन बुजुर्ग लोगों को भी देखा, जिन्होंने देश की आजादी में हिस्सा लिया था.

जब हम लोग पहुंचे तो काफी लोग आ चुके थे. कुछ ही देर बाद ले. गवर्नर श्री भूपेंद्र सिंह अंकल जी आंटी के साथ आए. उन्होंने सभी को हाथ जोड़कर नमस्ते की. फिर राष्ट्र-गान की धुन बजने लगी, मैं तो तुरंत सावधान खड़ी हो गई. इसके बाद ले. गवर्नर जी सबसे एक-एक कर मिले. मुझसे भी मिले और मैंने उन्हें नमस्ते किया. कैमरा ले जाने की मनाही थी, नहीं तो अच्छी सी फोटो भी क्लिक कर लेती. जब वो आगे बढ़ गए तो ममा-पापा के साथ घूमती हुई मैं इधर-उधर खूब देखती. इस बीच पापा के ढेर सारे दोस्तों से भी पहली बार मिली.

सबसे अंत में आई खाने की बारी. पता नहीं यह क्यों सबसे अंत में होता है ? मैंने तो खूब मस्ती की, खूब समोसे और पकौड़े खाए.बाहर खूब बारिश भी हो रही थी.कार्यक्रम के अंत में फिर से राष्ट्र-गान की धुन बजी. पर मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि कई लोग तो मुझे पहले से ही जानते थे, आखिर अख़बारों और टी. वी. पर पहले से फोटो जो देखी थी!!

(चित्र में ले. गवर्नर श्री भूपेंद्र सिंह)

सोमवार, अगस्त 15, 2011

आज है प्यारा स्वतंत्रता दिवस

आज स्वतंत्रता दिवस है. आज ही के दिन देश को आजादी मिली थी.इस अवसर पर स्कूल में फ्राईडे को फैंसी ड्रेस कम्पटीशन भी था. हम लोगों ने काफी इंजॉय किया. अब तो मैं राष्ट्र-गान भी गा लेती हूँ. आज पापा के साथ झंडारोहण देखने जरुर गई. चारों तरफ तिरंगे झंडे देखकर बड़ा अच्छा लगा. मैंने भी तिरंगे को सैलूट किया. लोगों को मार्च-पास्ट करते हुए देखकर तो मेरा भी मन उसमें शामिल होने को कर रहा था. मैं भी बड़ी हो जाउंगी तो मार्च-पास्ट में भाग लूंगी और सबसे आगे तिरंगा झंडा लेकर चलूंगी. यह रहा हमारा राष्ट्रीय तिरंगा झंडा. आप सभी लोगों को भी स्वतंत्रता दिवस की बधाइयाँ.



शनिवार, अगस्त 13, 2011

हम बहनों की प्यारी राखी...


अले वाह, इस बार तो राखी पर मजा आ गया. मैंने अपनी छोटी बहना तान्या को राखी बांधी और उसने मुझे. कल ही पापा के साथ ममा के पसंद के ताजा-ताजा बेसन के लड्डू और बर्फी लाई थी, खाने का मजा ही कुछ और रहा.

मैं तो अपनी सिस्टर को खूब प्यार करती हूँ और वह मुझे. मैंने उसे राखी बांधी तो निकालकर उसे मुँह में डालने लगी. अभी तो हर चीज उसे बस खाने वाली लगती है.

मैंने तान्या को कैडबरी का एक चाकलेट भी दिया, अपने लिए तो दो-दो पहले से ही लेकर रख लिए थे.

यह देखिये जब मैंने तान्या को बोला कि तुम्हारी चाकलेट भी ले लेती हूँ तो कैसे गुस्सा होकर रोने लग गई. फिर मनाने के लिए अपनी भी एक चाकलेट उसे दी. तो यह रही हम बहनों की प्यारी मस्ती भरा रक्षाबंधन का त्यौहार..आपका रक्षाबंधन कैसा रहा !!

!! रक्षा बंधन पर्व की बधाइयाँ !!


!! रक्षा बंधन पर्व की बधाइयाँ !!








बुधवार, अगस्त 10, 2011

पापा का ’बर्थ-डे’ आया..

आज मेरा पापा श्री कृष्ण कुमार जी का जन्म-दिन है. जन्म-दिन पर पढ़िए ये प्यारी सी कविता-





पापा का ’बर्थ-डे’ है आया,
सब बच्चे मिल करो धमाल।
जमके खूब खाओ तुम सारे,
हो जाओ फिर लाल-लाल।

हैप्पी ’बर्थ-डे’ मिलकर गाओ,
मस्ती करो और मौज मनाओ।
पाखी और अपूर्वा भी अब

सब मिलकर बैलून फुलाओ।

आईसक्रीम और केक भी खाओ,
कोई भी ना मुँह लटकाओ।
कितना प्यारा बर्थ-डे केक,
हैप्पी बर्थ-डे मिलकर गाओ।





!! पापा को जन्म-दिन पर खूब बधाई और प्यार !!

(ऊपर देखिये पापा की बचपन की फोटो, पहचान में आए कि नहीं )

रविवार, अगस्त 07, 2011

हैपी फ्रैंडशिप-डे


!! आज फ्रैंडशिप-डे है. आप सभी को इस दिन पर ढेर सारी बधाई और प्यार !!

सोमवार, अगस्त 01, 2011

पाखी की ड्राइंग..कैसी लगी !


यह रही मेरी नई ड्राइंग. अब जल्दी से बताइए कि कैसी लगी आपको. और हाँ, ये भी तो बताना है की इस ड्राइंग में आपने क्या-क्या देखा !!