आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

गुरुवार, जनवरी 26, 2012

प्यारा सा गणतंत्र हमारा


प्यारा-प्यारा देश हमारा.
सारे जग से है ये न्यारा.

कितनी सारी बोली यहाँ पर.
कितनी सारी हैं भाषाएँ.
हम सब सारे मिल-जुल रहते.
मानवता है सार हमारा.

शान कभी न कम हो इसकी.
प्यारा सा गणतंत्र हमारा.
हम बच्चों ने ली है कसम.
चमकेगा ये बनके सितारा.

(यह गीत गणतंत्र दिवस पर आयोजित मेरे स्कूल-फंक्शन के लिए ममा ने तैयार किया है.)

!! गणतंत्र दिवस पर आप सभी को ढेर सारी बधाइयाँ !!

शुक्रवार, जनवरी 20, 2012

अंडमान में बन्दर नहीं पाए जाते...

आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि अंडमान में बन्दर नहीं पाए जाते. कानपुर में तो हमारे लान में खूब सारे बन्दर आते थे और पेड़ों और फूलों की डाली पर खेलते और उन्हें तोड़कर भाग जाते थे. जब मैं यहाँ अंडमान में नई-नई आई थी तो बंदरों को न देखकर सोचा कि किसी दूसरे आइलैंड पर रहते होंगें. पर यहाँ अंडमान में तो बन्दर पाए ही नहीं जाते. यहाँ जंगलों में सिर्फ जंगली सूअर और हिरन मिलते हैं. हाथी तो यहाँ मेन-लैंड से लाए गए हैं.
..पर निकोबार में बन्दर पाए जाते हैं. ये बन्दर निकोबार के लगभग अंतिम छोर कैम्पबेल-बे में पाए जाते हैं. पर ये बन्दर भी बड़े अजीब होते हैं. ये केकड़े (crab) खाते हैं. मैंने तो इन्हें देखा नहीं, पर सोचिये ये कैसे होते होंगें...!!

रविवार, जनवरी 15, 2012

अंडमान-निकोबार द्वीप पर्यटन उत्सव में अक्षिता (पाखी)

अंडमान में इन दिनों आइलैंड-फेस्टिवल की धूम है. मैं भी मामा-पापा और अपूर्वा के साथ घूमने गई थी. बड़ा मजा आया. मेरी तरह के ढेर सारे बच्चे वहाँ कार्यक्रम पेश कर रहे थे. कोई परी बना था तो कोई भालू, मोर, तोता, बन्दर, खरगोश, क्रोकोडाइल और बटरफ्लाई. उसके बाद दूसरे राज्यों के कलाकारों द्वारा किया गया नृत्य भी मैंने देखा. ढेर सारे स्टाल पर मैं गई और अपने और अपूर्वा के लिए खूब खिलौने ख़रीदे. फिर खाने-पीने के स्टाल भी तो खूब सजे थे, वहाँ तो खूब मजा आया. ढेर सारी मिठाई, चाकलेट, आइसक्रीम, जूस, चाट, पिज्जा, बर्गर, नूडल्स, पास्ता...सब पर थोडा-थोडा हाथ साफ किया. -इस पर पापा ने भी अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट लगाई है, उसे भी पढ़ें-



जब सारा भारत ठण्ड से ठिठुर रहा होता है, उस संमय अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में मौसम सुहाना होता है. देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए यहाँ नवम्बर से फरवरी माह का संमय घूमने और मौज-मस्ती के करने के लिए उम्दा माना जाता है. खूबसूरत समुद्र-तट और लहरों की अठखेलियाँ, प्राकृतिक सौंदर्य, जैव-विविधता के बीच सेलुलर जेल और काला-पानी की ऐतिहासिकता पर्यटकों को रोमांचित करती है. समुद्र में सीप, मोलस्क, रंग-बिरंगी मछलियों के मध्य स्कूबा डाइविंग और स्नोरकलिंग का आनंद एक नए ही जीवन में ले जाता है.

ऐसे ही खुशनुमा अहसास के बीच जनवरी माह में आरंभ होता है- अंडमान-निकोबार द्वीप पर्यटन उत्सव. उत्सव क्या, मानिये पूरा भारत ही सिमट आता है. भिन्न-भिन्न प्रान्तों की संस्कृति के दर्शन यहाँ करने को मिलते हैं. इस साल मैं भी सपरिवार इस पर्यटन उत्सव में पहुंचा. राजधानी पोर्ट ब्लेयर में आरंभ होने वाला द्वीप पर्यटन उत्सव पांच जनवरी को आरंभ होकर आज पंद्रह जनवरी को ख़त्म होगा. इस उत्सव में जहाँ तमाम सरकारी विभागों की गतिविधियाँ उनके स्टाल पर परिलक्षित होती हैं, वहीँ मुख्यभूमि से मध्य प्रदेश, कर्नाटक, मेघालय, दिल्ली और गोवा जैसे राज्यों के पर्यटन निगम भी अपने स्टॉल लगाकर लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. द्वीप महोत्सव का उद्घाटन भले ही उपराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल भूपेन्द्र सिंह ने एक ही स्थान पर किया हो, पर यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. शाम को सड़कों पर निकालिए तो आपको संगीत की मधुर स्वर-लहरियां अपने चारों तरफ गुंजित होती सुनाई देंगीं. पोर्टब्लेयर के साथ-साथ द्वीपसमूह के अन्य पर्यटक स्थलों पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है. इनमें डिगलीपुर, लोंग आइलैंड, नील, हैवलॉक, विम्बर्लीगंज और भातू बस्ती इत्यदि शामिल हैं।आई.टी.एफ. मैदान में आयोजित होने वाला हास्य कवि सम्मेलन तो इस कार्यक्रम की जन है, जहाँ मुख्यभूमि से तमाम चर्चित कवि अपनी रचनाओं से लोगों को बांधने के लिए पहुँचते हैं. स्थानीय कवियों का कवि-समेलन तो होता ही है. तमाम स्कूलों के बच्चे अंतर स्कूल नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रोत्साहित होते हैं तो सेना और पुलिस की ओर से भी तमाम कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं. रॉक बैंड ‘यूफोरिया’ का प्रदर्शन तो इस बार लाजवाब रहा.

पोर्टब्लेयर में आयोजित द्वीप पर्यटन उत्सव अब इन द्वीपों से बाहर भी अपनी रंगत बिखेरने लगा है. इसीलिए इसे पहली बार राष्ट्रीय प्रसारण में भी शामिल किया गया. उद्घाटन समारोह का दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल डी.डी. भारती से सीधा प्रसारण किया गया. सभी द्वीपों के अलावा बत्तीस अन्य राष्ट्रों में भी यह सीधा प्रसारण देखा गया. इसके अलावा दूरदर्शन के राष्ट्रीय प्रसारण चैनल डी.डी.वन पर द्वीप पर्यटन उत्सव पर बाइस मिनट की टी.वी.रिपोर्ट भी प्रसारित की गई.

इस बार पहली बार निकोबार में भी द्वीप पर्यटन उत्सव आयोजित किया गया. गौरतलब है कि निकोबार भारत का सबसे दूरस्थ क्षेत्र है और इंदिरा प्वाइंट भी यहीं पर स्थित है. जिला मुख्यालय कार निकोबार में निकोबार पर्यटन महोत्सव सात जनवरी से आरंभ होकर ग्यारह जनवरी तक चला. यहाँ भी पर्यटन उत्सव का उद्घाटन करने उपराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल भूपेन्द्र सिंह पहुंचे. विभिन्न विभागों के स्टॉल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों कि छटा के साथ-साथ निकोबारी संस्कृति को नजदीक से महसूस करने का अपना अलग ही लुत्फ़ है. वैसे भी अंडमान-निकोबार कि जनजातियों में अभी मात्र निकोबारी ही सभ्य हुए हैं, अन्य अभी भी आदिम अवस्था में ही हैं.

शनिवार, जनवरी 14, 2012

मकर संक्रांति पर्व पर बधाइयाँ


!! मकर संक्रांति पर्व पर आप सभी को बधाइयाँ !!



चित्र साभार : वेब दुनिया

बुधवार, जनवरी 11, 2012

मेरा दाँत (tooth) खो गया...


आजकल मैं बहुत टेंशन में हूँ. मेरा एक मिल्की दाँत ( Milky tooth) कई दिनों से हिल रहा था. मैं भी उसे अपनी जीभ से खूब परेशान करती और सोचती थी कि यह कब बाहर निकलेगा ? मैं अपना दाँत हाथों में लेकर खुद देखना चाहती थी. पर सब गड़बड़ हो गया.

कल क्लास-रूम में टिफिन के बाद जब मैं पानी पी रही थी तो मुझे लगा कि मेरा दाँत नहीं है. मैं तो बहुत डर गई कि कहीं यह मेरे पेट में तो नहीं चला गया. ममा स्कूल में लेने आईं तो उन्हें बताया, फिर ममा ने फोन पर पापा को आफिस में बताया. अपने पहले ही मिल्की टूथ को मैं देख भी नहीं पाई और अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि वह दाँत कहाँ चला गया...??

मंगलवार, जनवरी 10, 2012

बीस रूपये के नोट के पीछे किस जगह की फोटो है ??

आपने कभी 20 रूपये का नोट ध्यान से देखा है. नहीं ना, तो फिर इसका पिछला हिस्सा ध्यान से देखिए. इस पर समुद्र, लाइट-हॉउस और नारियल के पेड़ दिख रहे होंगें. आपको पता है, 20 रूपये की नोट के पीछे अंकित यह फोटो अंडमान में स्थित नार्थ-बे आइलैंड की है. यहाँ का बीच और लाइट-हॉउस बहुत खूबसूरत लगते हैं।


दक्षिण अंडमान की सबसे ऊँची चोटी माउन्टेन हेरियट से इसे देखना तो और भी शानदार लगता है.

शनिवार, जनवरी 07, 2012

समुद्र के अन्दर का जीवन कैसा होता होगा..

कभी आपने सोचा है कि समुद्र के अन्दर जीवन कैसा होता होगा. ढेर सारी रंग-बिरंगी मछलियाँ, कोरल्स, सीप, मोलस्क, साँप...और भी बहुत कुछ. और सोचिए वे सब कैसे मस्ती करते होंगें. अब मेरी इमेजिनेशन देखिये इस ड्राइंग के माध्यम से. मुझे लगता है कि समुद्र के अन्दर सारे जीव ऐसे ही घूमते होंगें.

मंगलवार, जनवरी 03, 2012

हिंदुस्तान, दैनिक जागरण और अमर उजाला में ब्लागर अक्षिता और 'पाखी की दुनिया' की चर्चा

(हिंदुस्तान, वाराणसी, 2 दिसंबर 2011 में चर्चा)

(दैनिक जागरण, वाराणसी, 2 दिसंबर 2011 में चर्चा)

(अमर उजाला, वाराणसी, 2 दिसंबर 2011 में चर्चा)

(हिंदुस्तान, वाराणसी, 1 दिसंबर 2011 में चर्चा)


(हिंदुस्तान, वाराणसी, 1 दिसंबर 2011 में चर्चा)

सोमवार, जनवरी 02, 2012

पाखी चली स्कूल..छुट्टियाँ ख़त्म


वर्ष 2011 बीत गया और अब नए साल-2012 का जश्न भी ख़त्म.

क्रिसमस से लेकर नए साल तक की छुट्टियाँ ख़त्म और आज से मेरे स्कूल शुरू हो गए.

अभी मेरा क्लास सुबह 7:30 से 11:30 तक चलता है.

..तो मैं तो चली स्कूल, आखिर पढ़ाई भी तो जरुरी है!!

रविवार, जनवरी 01, 2012

नए साल का पहला दिन..


नए साल-2012 का पहला दिन तो खूब मस्ती से बीता. स्कूल की छुट्टियाँ, उस पर से संडे का दिन..सो सबकी छुट्टियाँ.

आज दिन भर मैं खूब घूमी और जब थक गई तो पहुंची अपने फेवरेट फार्चून बे रिसोर्ट. यह अंडमान का एकमात्र 4-स्टार होटल है.

वैसे भी हर संडे को हमारा लंच यहाँ पक्का है, यदि हम पोर्टब्लेयर में हैं.

यहाँ बाहर बैठकर ठंडी हवा में ऱोस आइलैंड और नार्थ-बे आइलैंड को देखना बहुत खूबसूरत लगता है. यहाँ लगी हाथ में तीर-धनुष लिए 'जारवा' की यह स्टैचू तो मुझे बहुत अच्छी लगती है.

यहाँ का खाना काफी लजीज होता है. कभी भी यहाँ आयें तो इनका बुफे-सिस्टम ट्राई करें. एक साथ ढेर सारी वैरायटी... और हम बच्चों को चाहिए ही क्या.


ममा-पापा और अपूर्वा के साथ घूमना वाकई मजेदार रहा..पता ही नहीं चला कि नए साल का पहला दिन कैसे बीत गया. अभी शाम को तो बीच पर भी मस्ती करनी है..तब तक बाय-बाय.

!! आप सभी लोगों को नए साल पर फिर से ढेर सारी बधाइयाँ और प्यार !!