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शुक्रवार, मार्च 23, 2012

नए साल विक्रम-संवत की बधाइयाँ..

आज से नए साल का आरंभ हो रहा है. मुझे लगता था की अभी जनवरी में ही तो नया साल मनाया था, फिर यह क्यों? ..फिर मुझे ममा ने इस नए साल यानि नव-संवत्सर के बारे में बताया. मुझे तो सोचकर ही कितना अच्छा लगता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की, सोचकर कितना रोमांच पैदा होता है. मैंने एक बार टेलीविजन पर सम्राट विक्रमादित्य के बारे में देखा था. ममा ने बताया कि यह विक्रम-संवत उन्हीं के द्वारा बनाया हुआ है.

शक्ति की देवी माँ दुर्गा की आराधना का 'नवरात्र' भी आज से ही प्रारम्भ होता है. पूरे नौ दिनों का हर्षोल्लास. यहाँ तो हमारे घर के सामने ही शानदार मंदिर है, सुबह से ही भजन बज रहे हैं. चारों तरफ ढेर सारी पत्तियां गिरी पड़ी हैं, ममा बता रही थी कि नव संवत्सर में ठंडक के कारण जो जड़-चेतन सभी सुप्तावस्था में पड़े होते हैं, वे सब जाग उठते हैं, गतिमान हो जाते हैं। पत्तियों, पुष्पों को नई ऊर्जा मिलती है। समस्त पेड़-पौधे, पल्लव रंग-विरंगे फूलों के साथ खिल उठते हैं। ऋतुओं के एक पूरे चक्र को संवत्सर कहते हैं।..अब तो मैं बहुत खुश हूँ कि पेड़ों पर भी नई-नई पत्तियाँ दिखेंगीं.

कितना अच्छा लगता है कि हमारे चारों तरफ हर चीज किसी न किसी पर्व और त्यौहार से जुडी हुई है. मैं तो इन्हें पूरा इंजॉय करती हूँ. आप सभी को इस विक्रम संवत के नए वर्ष पर बधाइयाँ और आपका स्नेह और आशीष तो मिलेगा ही !!

6 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

शानदार ...नव संवत्सर का अभिनन्दन और बधाई.

Unknown ने कहा…

शानदार ...नव संवत्सर का अभिनन्दन और बधाई.

India Darpan ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
इंडिया दर्पण की ओर से नव संवत्सर व नवरात्रि की शुभकामनाएँ।

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रस्तुति..
आपको भी नवसंवत्सर 2069 एवं नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ !

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक शुभकामनाएँ|

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सांस्कृतिक उछाह का प्रतीक है यह दिन, आपको ढेरों शुभकामनायें।