आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

रविवार, अगस्त 24, 2014

मम्मी क्या होने वाला है?

आजकल हमारे प्राइम मिनिस्टर अंकल मोदी जी गंगा जी को स्वच्छ करने के लिए पहल किये हुए हैं।  इलाहाबाद और बनारस में तो हम अक्सर देखते हैं कि गंगा जी में ढेर सारी गन्दगी फैली हुई है।  सोचिये कि यदि गंगा जी और अन्य नदियों में हम ऐसे ही गन्दगी फैलाते रहेंगे तो फिर स्वच्छ और साफ़ पानी कहाँ से आएगा।  इस गंदे पानी से जो बीमारी फैलती है, वह तो कइयों की मौत का कारण भी बनती है।  जरूरत है कि हम सभी इस और अपनी तरफ से पहल करें और नदियों में गन्दगी न फैलाएँ। इसी सन्दर्भ में श्री उमेश चौहान अंकल जी ने एक सुंदर सी कविता भी 'पाखी की दुनिया' के लिए भेजी है।  आप सब इसे पढ़ें और सोचें -

मम्मी क्या होने वाला है?
गंगाजल कितना काला है?

तुम तो कहती उतर स्वर्ग से
शिव के केशों से गुजरी हैं,
ऊँचे हिम-नद का निर्मल जल
बाँहों में भरकर बहती हैं,
फिर हमने इसके पानी में
क्यों इतना कचरा डाला है? मम्मी क्या होने ……

छिड़क-छिड़ककर जिसके जल को
तुम देवों को नहलाती हो,
पूरे घर को पावन करती
अंत समय भी पिलवाती हो,
उसके जल की इस हालत पर
मेरा मन रोने वाला है। मम्मी क्या होने ……

गंगा ही क्यों सारी नदियों
को हमने गंदा कर डाला,
सूख गए गरमी के सोंते
भू-जल इतना खींच निकाला
कुँए, ताल सब सुखा दिए, अब
पीते जल बोतल वाला हैं। मम्मी क्या होने ……

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उमेश कुमार सिंह चौहान (यू. के. एस. चौहान)
सम्पर्क: सी-II/ 195, सत्य मार्ग, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली–110021 (मो. नं. +91-8826262223).

जन्म: 9 अप्रैल, 1959 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद के ग्राम दादूपुर में।
शिक्षा: एम. एससी. (वनस्पति विज्ञान), एम. ए. (हिन्दी), पी. जी. डिप्लोमा (पत्रकारिता व जनसंचार)।

साहित्यिक गतिविधियाँ:

प्रकाशित पुस्तकें: ‘गाँठ में लूँ बाँध थोड़ी चाँदनी’ (प्रेम-गीतों का संग्रह) - सत्साहित्य प्रकाशन, दिल्ली (2001), ‘दाना चुगते मुरगे’ (कविता-संग्रह) - सत्साहित्य प्रकाशन, दिल्ली (2004), ‘अक्कित्तम की प्रतिनिधि कविताएं’  (मलयालम के महाकवि अक्कित्तम की अनूदित कविताओं का संग्रह) - भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली (2009), ‘जिन्हें डर नहीं लगता’ (कविता-संग्रह) - शिल्पायन, दिल्ली (2009), एवं ‘जनतंत्र का अभिमन्यु’ (कविता – संग्रह) - भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली (2012), मई 2013 से हिन्दी दैनिक समाचार-पत्र 'जनसंदेश टाइम्स' (लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी एवं गोरखपुर से प्रकाशित) में साप्ताहिक स्तम्भ-लेखन

संपादित पुस्तकें: 'जनमंच' (श्री सी.वी. आनन्दबोस के मलयालम उपन्यास 'नाट्टुकूट्टम' का हिन्दी अनुवाद) - शिल्पायन, दिल्ली (2013)

सम्मान: भाषा समन्वय वेदी, कालीकट द्वारा ‘अभय देव स्मारक भाषा समन्वय पुरस्कार’ (2009) तथा इफ्को द्वारा ‘राजभाषा सम्मान’ (2011)

सोमवार, अगस्त 18, 2014

एक साथ कित्ती खुशियाँ

कृष्ण जन्माष्टमी का दिन तो हमें बहुत अच्छा लगता है। एक तरफ भगवान कृष्ण जी का जन्मोत्सव, वहीँ जन्माष्टमी हमारे परिवार के लिए इसलिए भी और महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि जन्माष्टमी के दिन ही पापा और नानी जी का भी जन्म हुआ था।
  

...है न ट्रिपल ख़ुशी वाली बात। तो चलिए आप भी हमारी इस ख़ुशी में शरीक होइए !!

(चित्र में : बेटियों अक्षिता और अपूर्वा के साथ केक काटते पापा श्री कृष्ण कुमार यादव।  साथ में दादा जी। )

आज माखनचोर आयेंगे


आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज कृष्ण जन्माष्टमी है। आज ही तो देर रात माखन चोर श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। कृष्ण जी की बाल- लीलाएं तो मुझे बहुत अच्छी लगती हैं। वे भी तो हम बच्चों जैसे ही खूब शरारतें करते थे और फिर उनकी मैया यशोदा कित्ता डांटती थी। लेकिन कृष्ण जी भी कम नहीं थे, अंतत: मैया को अपनी तरफ कर ही लेते थे और फिर गोपियाँ देखती ही रह जाती थीं। 


वैसे इस बार दही हांडी में 12 साल तक के बाल गोपालों के भाग लेने पर पाबन्दी लगने के बाद कुछ लोग उदास भी हैं। पर मुझे लगता है कि यह सही कदम उठाया गया है। दही हांडी पिरामिड में ऊपर के तीन से चार थर में छोटे छोटे बच्चों को चढ़ाया जाता है और जब थर गिरता है तो बच्चों को गंभीर चोटें आती हैं।  इसके चलते कई की  मृत्यु हो जाती है तो कई अपंग हो जाते हैं। अब सोचिये कि क्या यह सब बाल कृष्ण को अच्छा लगेगा।  जीवन से बढ़कर कुछ भी नहीं है। 


!! कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ।


शुक्रवार, अगस्त 15, 2014

प्राइम मिनिस्टर अंकल ने तो सोचा, अब आप सबकी बारी है !


स्वतंत्रता दिवस पर  प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा लालकिले से दिए गए भाषण को आज हमने भी सुना और देखा। उनकी एक बात हमें बहुत मार्मिक लगी। 

उन्होंने भ्रूण हत्या पर  बेहद तल्खी से कहा कि,  हमने हमारा लिंगानुपात देखा है...? समाज में यह असंतुलन कौन बना रहा है...? भगवान नहीं बना रहे...! मैं डॉक्टरों से अपील करता हूं कि वे अपनी तिजोरियां भरने के लिए किसी मां की कोख में पल रही बेटी को न मारें... बेटियों को मत मारो, यह 21वीं सदी के भारत के माथे पर कलंक है।

प्राइम मिनिस्टर अंकल ने तो सोचा, अब आप और सबकी बारी है ! सोच बदलो, देश बदलो !!

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा


सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा

हम बुलबुले हैं उसकी, ये गुलिस्तां हमारा
पर्वत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमां का
वो संतरी हमारा, वो पासवाँ हमारा
सारे जहाँ .............................
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हजारों नदियाँ
गुलशन हैं जिसके दम से रश्के जिना हमारा
सारे जहाँ............................
मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम(2),वतन है, हिन्दोस्तां हमारा
सारे जहाँ से..........................



स्वतंत्रता दिवस पर हमने पापा के लिए यह प्यारा सा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बनाया। वाकई यह दिन हम सभी की जिंदगी में कितना मायने रखता है। एक तरफ ख़ुशियाँ तो दूसरी तरफ जिम्मेदारी का एहसास। स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को बधाईयाँ !!







मंगलवार, अगस्त 12, 2014

बहना ने बहना की कलाई पर प्यार बाँधा है ...

रक्षाबंधन का त्यौहार (10 अगस्त) हमने भी खूब अच्छे से मनाया। हम बहनों  ने एक-दूसरे की कलाई पर राखी बांधकर इस त्यौहार को सेलिब्रेट किया। मुझे एक बात समझ  में नहीं आती कि  आखिर  रक्षाबंधन त्यौहार को भाई-बहन से ही क्यों जोड़ते हैं। क्या वाकई भाई, बहनों की रक्षा करते हैं ?  यदि ऐसा होता तो हमें रोज लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएँ नहीं सुनाई देतीं। अब जरूरत सोच बदलने की है। अब लड़कियों को अपनी रक्षा लिए खुद आगे आना होगा, तभी समाज में वास्तविक बदलाव आ सकेगा !!  










सोमवार, अगस्त 11, 2014

आप भी एक पौधा लगाकर देखिये


10 अगस्त को पापा का जन्मदिन भी था और रक्षाबंधन भी। इस शुभ दिन पर हमने खूब सारे पौधे लगाए। ममा-पापा ने पूरे परिवारजनों से पौधे लगवाए। पापा ने तो बड़ी अच्छी बात कही, ''जब ये पौधे बड़े होकर लहलहाएंगे, उन पर फूल खिलेंगे, फल उगेंगे तो चिड़ियों की चहचहाहट के बीच प्रकृति भी हमें दिल से आशीष देगी !! ''

मुझे तो प्रकृति से बहुत प्यार है।  कई बार सोचती हूँ कि इसके लिए कुछ करूँ।  वाकई पौधरोपण से अच्छा कोई आइडिया नहीं हो सकता।   इस समय तो बारिश का मौसम है, पर इसके बाद  मैं और अपूर्वा सभी पौधों को प्रतिदिन पानी देंगे और  देखेंगे कि ये कैसे बड़े होते हैं !!


आप भी एक पौधा लगाकर देखिये, अच्छा लगेगा !!

रविवार, अगस्त 10, 2014

पापा सिर्फ हमारे पापा ही नहीं, बेस्ट फ्रेंड भी हैं



 आज पापा जी  का हैप्पी बर्थ-डे है। अभी 30 जुलाई को ममा का हैप्पी बर्थ-डे सेलिब्रेट किया, 31 जुलाई को पापा का प्रमोशन और अब 10 अगस्त को पापा का हैप्पी बर्थ-डे। इसे कहते हैं ट्रिपल हैपीनेस।  फ़िलहाल तो आज पापा को जन्मदिन पर खूब सारी प्यारी-प्यारी विशेज़, बधाइयाँ और प्यार।  


पापा सिर्फ हमारे पापा ही नहीं हैं , बेस्ट फ्रेंड भी हैं।  उनके साथ अपनी ढेर सारी बातें शेयर करती हूँ और ये भी हमने उतना ही प्यार करते हैं , समझाते हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।  


!! Happy Birthday Papa !!


शनिवार, अगस्त 09, 2014

सोचिएगा : कन्या भ्रूण हत्या न रुकेगी, तो फिर राखी किससे बँधवाएंगे


कल रक्षाबंधन-फेस्टिवल है। इस दिन को हम खूब इंजॉय करते हैं। अपूर्वा और मैं एक दूसरे को खूब सारी राखियाँ बाँधते हैं और फिर मुँह मीठा तो होगा ही। फेस्टिवल का मौका हो और गिफ्ट्स न मिलें, भला ऐसे कैसे हो सकता है।

पर एक बात जरूर हमारे दिमाग में आती है कि लोग जिस तरह से कन्या भ्रूण हत्या करते हैं, उससे तो समाज से लड़कियाँ ही ख़त्म हो जाएंगीं। …फिर सोचिये भला की आपकी कलाई में प्यारी सी राखी कौन बाँधेगा। इसलिए इस बारे में भी अभी से सोचना आरम्भ कीजिए।   

और हाँ एक बात और, राखी की त्यौहार को सिर्फ भाई-बहन तक ही सीमित न कीजिए। इसे हर रिश्ते से जोड़िये।  बहन की रक्षा सिर्फ भाई ही नहीं करता,  बहनें भी तो करती हैं। पापा बता रहे थे कि सबसे पहली राखी इंद्र देव की पत्नी इंद्राणी ने उनकी रक्षा के लिए बाँधी थी। 

आप सभी लोगों को भी रक्षाबंधन-फेस्टिवल पर बधाइयाँ और आपका आशीर्वाद तो हमें मिलेगा ही। 

शुक्रवार, अगस्त 01, 2014

पापा के प्रमोशन की ख़ुशी


यह तो ख़ुशी का मौका है।  हमारे पापा श्री कृष्ण कुमार जी अब सलेक्शन ग्रेड में प्रमोट हो गए हैं।  30 जुलाई को ममा का हैप्पी बर्थडे और अगले दिन ही 31 जुलाई को पापा का प्रमोशन। यह तो डबल सेलिब्रेशन का मौका बन गया। हमारी तो बल्ले-बल्ले हो गई। जमकर मिठाइयाँ, केक और चॉकलेट खाई और फिर शॉपिंग और मूवी तो बनती ही है। पापा बता रहे थे कि उनके बैच के ऑफिसर्स का यह प्रमोशन लम्बे समय से ड्यू था, तभी सभी लोगों को यह प्रमोशन 1 जनवरी 2014 से मिला है। पापा दि ग्रेट को ढेर सारी  बधाइयाँ और प्यार। आप यूँ ही खूब तरक्की करते रहें।  



(ज्यादा जानकारी के लिए आप ये प्रेस-क्लिप्स देख सकते हैं)